धैर्य अपना खोना नहीं...
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देख मुसीबत रोना नहीं...
लड़ना तुझे खुद को है
जंग में तेरे साथ ओर कोई होना नहीं...
लड़ना है बस पीछे हटना नहीं...
काटना है लहरों को खुद कटना नहीं...
जीत ही जीत दिखती है गगन ने
जबान पे अब हार शब्द रटना नहीं...
देख भूचाल कदम डगमगाना नहीं...
सोए डर को मन में जगाना नहीं...
अंतिम सांस तक लड़ना है
हार को गले अब लगाना नही...
ऊर्जा से अपनी
मुर्दे में भी अब जान भर दूं...
साहस से अपनी
मुसीबत को छलनी-छलनी कर दूं...
मुसीबत के आगे हुंकार भरनी है...
मुसीबत की दरिया अब पार करनी है...
मुसीबत भी दम तोड़ दे
ऐसी अब जय - जयकार करनी है...
@Kavi Mr Ravi
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