जितनी मीठी तेरी बोली है...
तु खुद Ak 47
ऑंखे तेरी गोली है...
चांद मे इतना नूर नही
जितना तेरी सूरत मे है...
इतना लगाव है तुझसे
जितना ईश्वर कि मूरत मे है...
मिला कुछ पल का साथ तेरा
मेरा कोई पिछला शुभ करम है...
चंद्रमा से भी ज्यादा चमक
होंठ गुलाब से ज्यादा नरम है...
पास तेरे गुजर जाऊं
तो खुशबू से महक जाता हूं...
तु कुमुदनी सी कोमल
मै भ्रमर सा बहक जाता हूं...
तेरी शुरु करु तारीफ
तो शब्द कम पड़ जाये...
बांधू अगर तेरी तारीफ का पुल
तो वो सुरज पर चढ़ जाये...
@kavi mr Ravi
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