*****************************************
अब इंसाफ़ और केवल इंसाफ होगा..
नही अब कोई दरिंदा माफ होगा....
*****************************************
गिद्ध नोच रहें हैं
कब तक यूँही और नोचेंगे....
पहले भी हम सोच रहे थे
अब कब तक यूँही सोचेंगे....
भटकाया है कानून ने अब तक
अब और न हमको भटकाओ....
इन गिद्दों को कैद की सजा नही
सर कलम करके चौराहे पर लटकाओ....
मौत का बदला मौत हो
तभी दहन होगी इन गिद्दों की लंका....
लचर ओर कमजोर कानून की वजह से
हम खो बैठे अपनी प्रियंका....
देश के हर इंसान की आंखे
अंगारे बरस बरस रही हैं....
उन दरिंदे गिद्दों की चिता देखने को
हिन्दुस्तानियों की आँखे तरस रही हैं....
by-रवि जाँगिड़
Kya baat h
ReplyDelete