Ravi jangid.....
आँटी ने शुरू किया
दुकानदार से कहना.....
भाई साहब मुझे
लाल मिर्च देना.....
दुकानदार खुद
तौल रहा था हल्दी....
इसलिये नौकर से बोला
"हरी मिर्च देना जल्दी".....
ये सुनते ही
आँटी का BP बढ़ गया.....
आँटी के गुस्से का पारा
सातवें आसमान पर चढ़ गया.....
बोली आँटी अपने दाँत
किटकीटाकर....
जैसे कूटने वाली हो
दुकानदार को लिटाकर...
दुकानदार साहब
शायद आपके कान सुनते हैं कम....
हरी नही
लाल मिर्च मांग रहे हैं हम.....
जाकर अपने कान का
इलाज करवाइये....
मुझे हरी नही
लाल मिर्च चाहिए....
तभी दुकानदार ने
मुँह खोला....
और इत्मीनान से
बोला....
मैडम कान खुले हैं मेरे
और नही उठा हूँ मैं सो कर....
लाल मिर्च ही दूँगा
हरी तो है मेरा नौकर....
By-Ravi jangid"kavi mr Ravi"
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