16 आलसी बेटे हास्य कविता written by-Ravi jangid

एक पिता के थे सोलह
बेटे...
रहते थे सदा खटिया पर
लेटे....

पिता थे उनके मिस्टर
राम धन....
और 16 की 16 औलादे
आलसी नंबर वन...

दिन रात खटिया पर वो टांग पसारते....
20 -20 रोटी एक बार मे डकारते.....

बस खाना पीना और सोना.....
महीनों तक नही होता नहाना धोना....

जेडे जेडे हो गए थे उनके hair...
मैल की चढ़ चुकी थी उन पर 4-4 layer...

जो भी उनके पास अगर  भटके.....
बदबू से उसकी सांस अटके....

उनके पास आते ही तो मानो
सांस रुक जाती..
चारों ओर उनके मख्खियाँ
भिनभिनाती....

एक दिन जब रामधन की सहन सीमा न रही....
तब उन आलसी टट्टूओ से एक बात कही...

सुन लो तुम सोलह के सोलह
ये किस्सा....
जो कमा के देगा उसको मिलेगा मेरी
जयदाद का हिस्सा...

अब नही बनूँगा में
उल्लू...
जो नही कमायेगा उसे मिलेगा
बाबा जी का ठुल्लू....

वो आलसी ये सुनकर हुए बड़ी मुश्किल से
खड़े...
अपने अकडे शरीर को ले काम की तलाश में निकल पड़े....

वो काम की तलाश में भटक रहे थे....
घुटने उनके बार बार दर्द से कटक रहे थे....

16 में से 11 बोले very very
sorry......
हमसे नही हो सकती मेहनत इसलिए
करेंगे चोरी...

खत्म हो चुकी है हमारी ऊर्जा ......
दर्द कर रहा है body का पुर्जा पुर्जा......

16 में से 11 एक दूसरे से बोले ......
आओ मिलकर ये ट्रांसफॉर्मर खोले...

उन्होंने नही की थी electricity से I. T .I ....
इसी कारण से चिपक गये 11 के 11 भाई.....

बाकी 5 समझ रहे थे इसको
भरम....
लेकिन उनके आगे ही हो गया 11 भाइयों का क्रिया करम....

अब वहाँ से चल दिये बाकी 5 भाई.....
लेकिन उनमें से और 3 की थी मौत आई.....

उनमें से 3 यमराज के चंगुल से घिर गए....
किस्मत ने किया अंधा ओर वो कुँए में गिर गए....

अब सिर्फ बचे थे दो भाई....
उनमे से एक पर गिर गई मिट्टी की ढाई....

अब एक ने सोचा अब अकेले क्या कमाना...
इसलिए वो हो गया अपने घर को रवाना....

घर पहुंचते ही पिता से मिलने की आई बारी....
पिता ने सोचा रकम लाये होंगे भारी.....

मन मे थे पिता के अरमान बड़े....
इसलिए तुरन्त  पिताजी बोल पड़े.....

पिता-कह रे मेरे प्यारे....
बेटा - जाते ही पकडे ग्यारेह...

पिता- हप्प.....
बेटा- तीन कुँए में गप्प...

पिता -काँई(क्या)
बेटा-एक को ले गयी ढाई....
पिता- अं....
बेटा-बचा मैं....

😊😊😊😊😊😊😊

मेरे पिता ये कहानी मुझे बचपन मे सुनाते थे मेने इसे कविता में बदला है आपको कैसी लगी

आपका अपना-Ravi jangid"kavi Mr Ravi"


Comments