हम उतरे राजनीति के मैदान मे
करके जनता से वादा...........
सर्व गुण संपन्न थे
पर शराब पीते थे ज्यादा.......
वादा ऐसा सड़क बनवाएंगे
सारे शहर में खिलेंगे फूल ही फूल .....
चमक उठेगा आंगन
हर बच्चा जाएगा स्कूल .......
कौन जानता था जीतने को चुनाव
हमने लठ्ठ भी चलवाये.......
हर गली की दीवार पर
अपने झुटे पोस्टर भी लगवाये......
वादों के समोसों के साथ
हमने दिया सॉस.....
हर चौराहे पर हो रहा
हमारे नारों का उद्घोष.....
मेरे प्रिय बंधुओ मुझ पर
एक एहसान करो......
आपका वोट बहुमूल्य है
मुझे मतदान करो......
सुनकर वादे ओर नारे
अच्छे अच्छों ने पानी पिया.....
बिना होंश और हवाश के
हमको ही मतदान किया......
विरोधी नेताओ पर
वोटों का टोटा छा गया.....
400 वोटों से जीत का ताज
हमारे दामन में आ गया.....
जब चला हमारा राज
भोंटे हो गए अन्य नेताओं के टूल.....
सड़को पर हो गए गड्ढे ही गढ्ढे
मुरझा गए सब फूल.....
मुरझा गए फूल
अब तो हर कोई शस्त्र लिए फिरता है.....
देखो जाकर
स्कूलों की हर दीवार से चुना गिरता है.....
नलों का ये हाल की
एक अनार सो बीमार है.....
नल एक है लेकिन
उस पर खड़ी पचासों नार हैं....
सब लोग हमसे
बहुत आस लगाए बैठें हैं....
हम तो मस्त हैं अपनी अमृत के साथ
क्यों कि हम तो ढेटें हैं.....
मेरे परिवार के कितने ही
बच्चे नोकरी पर चढ़ गए....
धरें हैं शहर के सारे लड़के
जो बहुत पढ़ गए.....
जनता ने आकर हमसे तंग
आवाज उठाई......
ऐ ! दरिंदे झुठे वादे करते
तूझे शर्म न आई....
ये सुनकर मैं हुआ
खडा.....
न चाहते हुए बोलना
पीड़ा.....
"सब जानते हैं कि
ये बन्दा शराबी है.....
लेकिन इसके जज्बातो में
ना कओखराबी है.....
मेंने मेरे हर शब्द को
तराजु में तोला है.....
मेंने आपसे कोई झुूूठ
नही बोला है.....
इस सीधे सादे आदमी का
तूुुम यू ना अपमान करो.....
मेंने पहले ही कहा था
आपका वोट बहुमूल्य है
मुझे मत...दान करो.....
By-Ravi jangid(kavi mr ravi)
ReplyDelete👍👍👍👍👌👌👌too good 👏👏👏👏keep it up
Thanks a lot
DeleteVery beautiful poem awesome
DeleteMast h
ReplyDeleteI am Himanshu
Nikita
Teena