चिम्पांजी का बच्चा हास्य कविता

महान नही हुआ हूँ अभी अभी तो हूँ मैं एक कवि डफर.....
एक नीग्रो अपने काले कलूटे बच्चे के साथ बस में कर रहा था सफर....

देख के उसको बस में हो रहा था हाहाकार....
बच्चा इतना काला की फैल था उसके आगे कोलतार....

बस कंडक्टर से रहा ना गया तो उसने नीग्रो से बोल डाला...
क्या आपका बच्चा जल गया था जो है वो इतना काला....

नीग्रो को कंडक्टर की ये बात नही आई रास....
वहां से उठ जा बैठा वो ड्राइवर के पास....

नीग्रो के भावों को मन मे तोला....
तब जाकर ड्राइवर उससे बोला...

उदास हो आप क्यों क्या है कोई लोचा...
क्या आपके बारे में मैने है ये सही सोचा....

तब जाकर नीग्रो ने दिल के बोझ को किया
 खाली....
ओर बोला आपके कॉडक्टर ने मेरी बेज्जती कर डाली....

मेरा ये कंडक्टर है जैसे कुत्ते की पूँछ....
तमीज नही है उसको वो है बावली बूच...

एक काम करो आप ये चिम्पांजी का बच्चा मेरी गोद मे छोड़ दो....
और जाओ उस साले कंडक्टर को बुरी तरह
फोड़ दो....

😊😊😊😊😊😊😊

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