Fb भले ही दोस्त को दोस्त से
जोड़ रही है.....
लेकिन ये कई घरों को
तोड़ रही है....
इसका एक उदाहरण मेरी इस हास्य कविता के माध्यम से प्रकट कर रहा हूँ आपको अच्छी लगे तो कमेंट ओर शेयर जरूर करना
पत्नी खाना बनाने के बाद साफ कर रही थी चूल्हा.....
पति खाने का एक ग्रास खाते ही हो उठा आग बबूला ....
शायद खड़ी करनी पड़ेगी तुम्हारी खटिया....
आजकल बना रही हो खाना इतना घटिया.....
पत्नी ने पति की तरफ आंखों को ढेरा....
सुनो जी ज्यादा दिमाग मत खाओ मेरा....
आजकल बनते जा रहे हो तुम
ghost....
ghost....
इसी रेसिपी को कल fb पर मैने किया था पोस्ट....
Fb पर मेरी रेसिपी की पोस्ट धमाल मचा रही है...
1000 like तो आचुकी हैं अभी और आ रही है....
शायद तुम्हारा दिमाग गया है
सठिया....
सठिया....
इतने लजीज खाने को बता रहे हो घटिया....
मेरे खाने मैं नही है कोई
कमी...
कमी...
Fb पर कमेंट आ रहे हैं "its वेरी yummy...."
Fb पर खाना देख लोगों के मुँह में आ रहा है पानी....
ये बहाना इसलिये बना रहे हो तुमको होटल पे है रोटी खानी....
होटल पे खाना खाने का मत करना dare..
इस रेसिपी को fb पर अब तक 500 लोग कर चुके हैं share...
इसलिए मेरे खाने की बुराई मत करना आज के बाद....
By-Ravi jangid(kavi Mr Ravi)
nice poem
ReplyDeleteSuprb 🤣
ReplyDeletesuperb
ReplyDeleteThanks
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