मेरी पत्नी के गुणों का बखान हास्य कविता

मेरी पत्नी के गुणों का बखान हास्य कविता
By-Ravi jangid



पति अपनी मोटी  पत्नी की तारीफ कुछ इस प्रकार कर रहा है--

तेरी ये आँखे
कैरी की फाँके... 

तेरा ये बदन ....
संसद भवन.....

तेरे ये गाल ....
भैंस की खाल...

तेरे ये बाल ...
मकड़ी के जाल....

तेरे ये होंट....
चिरपरी सोंठ.....

तेरे ये बोल....
फटा हुआ ढोल....

तेरी ये नाक....
कुम्हार का चाक.....

तेरा ये रूप.....
करेले का सूप.....

तेरा ये रंग....
जैसे कोयला क्रीम के संग....

तेरे ये कान ....
पीपल के पान...

तेरा ये पेट...
इंडिया गेट...

तेरे ये दांत ....
सड़े हुए पात...

तेरा ये भार....
100kg पार....


By-Ravi jangid(kavi mr Ravi)

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