अजब-गजब जोड़ी हास्य कविता by-Ravi jangid

अजब -गजब जोड़ी 
By-Ravi jangid

वाह रे ! प्रभु  घोड़े को मिली घोड़ी....
तू भी बनाता है अजब गजब जोड़ी....

अजब गजब जोड़ी,देखा एक जोड़ा ऐसा....
देवी जी डेढ़ हड्डी और महोदय जी काला भैंसा

चले जब दोनों साथ साथ तो लगे मानो ऐसे....
भारी भरकम आदमी के हाथ में लकड़ी हो जैसे...

एक जोड़ी दोस्तो मुझे ऐसी नज़र आई...
पति जी 6 फिट लम्बे ओर पत्नी जी ढाई...
पत्नी बोली  मैं खुद को बहुत खुश किस्मत पाती हूँ....
वो मुझे मारने दौड़े तो नीचे से निकल 
जाती हूँ....

दो जोड़ी ओर भी गजब मुझे मिल गई....
देखते ही मेरी बत्तीसी खिल गई.....

बीवी बांस सी लंबी 
और पति जी अद्दा...
हसबेंड कागज से पतला
और बीवी फोम वाला गद्दा.....

तभी एक और जोड़ी पर मेरी नज़रें सटी....
देखते ही आँखे रह गई मेरी फटी की फटी..

बीवी दूध से भी ज्यादा सफेद.....
पति और कोयले में न कोई भेद....

बस एक बात का डर पत्नी को बार -
 बार ही सताये....
कही अंधरे में उसका पति सफेद कपड़े पहन के ना आ जाये
एक जोड़ी तो भगवान ने ऐसी बनाई....
की देखते ही किसी की हँसी न रुक पाई...

बीवी  के थे पैरो तक सिल्की सिल्की बाल...
ओर पति महोदय जी की खोपड़ी 
कंगाल....

इस जोड़ी का जीवन तो बहुत ही साधा 
है......
सब खर्चे दुगने हैं बस तेल -कंघी का आधा है......

By-
Kavi mr Ravi /9694943129
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