पप्पू छोकर हास्य कविता by~रवि जांगिड़

~पप्पू छोकर हास्य कविता~

टीचर बोले एक बार 
"बेटा पप्पू छोकर....
क्या बनना चाहते हो 
तुम बड़े होकर'"...

यह सुन पप्पू ने सपनो का महल 
गढ़ दिया ....
टीचर  के  सामने सारा चिठ्ठा 
पढ़ दिया....

"टीचर जी ये कहता हूँ आपसे मै आज....
एक दिन होगा मेरे माथे पे CA का ताज....

100 नोकर होंगे मेरे बंगले में 
total....
नास्ते के लिए जाया करूँगा 
ताज हॉटल....

सभी महानगरो में मेरा बिज़नेस 
दौड़ेगा ....
पप्पू कमाई के सारे रिकॉर्ड 
तोड़ेगा....

भीख के लिए मेरे आगे लाइन लगेगी 
कंगलों की....
लाइन लगा दूंगा मै कार और 
बंगलों की...

पप्पू के आत्मविश्वास का पारा चढ़ता देख टीचर ने टोका....
सबको एक ही लाइन में जवाब देना है इतना कह के पप्पू को रोका....

अच्छा बेटी पिंकी अब है तुम्हारी बारी ....
ये सुनते ही पिंकी हो गई जारी..

टीचर जी मेरी तो बस एक ही तमन्ना है....

बड़े होकर मुझे पप्पू की लुगाई बनना है....

By-Ravi jangid

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