अनपढ़ लुगाई हास्य कविता by ravi jangid











नाम था जॉनी थे स्टाइल से भरे।
जब भी कोई मिले तो बात अंग्रेजी में करे।।

बात अंग्रेजी में करे ख्वाब भी थे उसके बड़े।
सुंदर सुशील हो  अंग्रेजी वाली से पाला पड़े।।

मन था उसका अरमान लिए ।
वाइफ मिले, वो भी पढ़ी  B.A।।

लेकिन जब आई शादी की बारी ।
भाग्य जॉनी का हार गया पारी।।

हार गया पारी,किस्मत ने दे दी मात ।
थामना पड़ गया एक अनपढ़ का हाथ।।

पाकर ऐसी वाइफ जॉनी हो गया उदास।
कही किसी पार्टी में उड़ ना जाये उपहास।।

सुंदर सुशील थी  नाम था उसका आशा।
प्रयोग करती थी तू तडाके की भाषा।।

समझाये समझ नही पाती थी।
पेन मांगने पर पेंट वो लाती थी।।

एक दिन एक पार्टी में जाने का इनविटेशन आया।
पार्टी में जाने से पहले जोनी ने आशा को समझाया।।

सुन जब भी पार्टी में जाएगी।
तेरा मेरा  introduction कराएगी।।

ये मेरी लाइफ है और मैं इनकी लाइफ हूँ।
ये मेरे हसबैंड हैं और मैं इनकी वाइफ हूँ ।।

समझ गयी सईंया आपकी बात मैं।
ले चलो पार्टी में अपने साथ मे।।

पहनकर चमचमाती साड़ी आशा आई।
सारी पार्टी में  सबके बीच वो ही थी छाई।।

एक लेडीज बोली जॉनी से-
आशा जी क्या लगती  है आपकी
जानने की चाहत है हमारी ।
बोल पाते जॉनी 
उससे पहले ही आशा हो  गई जारी।।

"ये मेरी लाइफ हैं और मैं इनकी लाइफ हूँ
ये मेरे हैंडपंप हैं और मैं इनकी पाइप हूँ "
By-Ravi jangid 
9694943129

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