पत्नी बोली अपने पति से
की जल्दी से उठ जाइये ।
रसोई में जाकर मेरे लिए
फर्स्ट क्लास चाय बनाकर लाइये।।
सुनकर ऐसा पति का पारा चढ़ा।
उठकर तुरन्त बाहर की ओर चल पड़ा।।
ये देख पत्नी ने अपनी आंखें ढंग से खोली।
बिन चाय बनाये कहाँ चल दिये ऐसे बोली।।
तेरा ये अत्याचार मुझे नही सहना है ।
जो मुझे गुलाम बनाकर रखे
ऐसी औरत के साथ मुझे नही रहना है।।
अब बचा ही क्या है कहने को
जा रहा हूँ अपने वकील के पास
तुमसे तलाक लेने को।।
हुई थी पति को गए हुए कुछ ही देर
इतने में वो लौट आया उल्टे पैर।।
शायद उसके अंदर का गुलाम होगा जगा ।
रसोई में जाकर तुरन्त चाय बनाने लगा ।।
वो मन ही मन एक ख्याल में ही खो रहा था।
यहाँ तो बस चाय बनानी है
वहाँ तो खुद वकील बर्तन धो रहा था।।
By-Ravi jangid s/o sitaram jangid
96949
की जल्दी से उठ जाइये ।
रसोई में जाकर मेरे लिए
फर्स्ट क्लास चाय बनाकर लाइये।।
सुनकर ऐसा पति का पारा चढ़ा।
उठकर तुरन्त बाहर की ओर चल पड़ा।।
ये देख पत्नी ने अपनी आंखें ढंग से खोली।
बिन चाय बनाये कहाँ चल दिये ऐसे बोली।।
तेरा ये अत्याचार मुझे नही सहना है ।
जो मुझे गुलाम बनाकर रखे
ऐसी औरत के साथ मुझे नही रहना है।।
अब बचा ही क्या है कहने को
जा रहा हूँ अपने वकील के पास
तुमसे तलाक लेने को।।
हुई थी पति को गए हुए कुछ ही देर
इतने में वो लौट आया उल्टे पैर।।
शायद उसके अंदर का गुलाम होगा जगा ।
रसोई में जाकर तुरन्त चाय बनाने लगा ।।
वो मन ही मन एक ख्याल में ही खो रहा था।
यहाँ तो बस चाय बनानी है
वहाँ तो खुद वकील बर्तन धो रहा था।।
By-Ravi jangid s/o sitaram jangid
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Sahi h
ReplyDeleteNikita ,Teena, hitanshu