जब तक मेरे सीने में जान रहे
माँ तेरा मुझ पर एहसान रहे।
मेरी जान सदा तुझे अपना कहे
माँ तेरा मुझ पर हाथ रहे।।
दुखों का अंबार जब
दिल मे समाया होता है।
माँ ही लगती है अपनी ,
बाकी सब पराया होता है।।
माँ हथेली मे मेरे
सुख की रेखायें सजाती हैं
सब सुख दुनिया का फीका लगता है
जब मेरी माँ सीने से लगाती है।।
दुर्भाग्यशाली है वो शीश
जो माँ के आगे ना झुका है।
माँ का कर्ज ना कभी चुकेगा
ना कभी चुका है।।
अच्छा लगता था
बचपन मे माँ की गोद मे तैरना ।
फीका लगता है हर सिख मुझे
बस अच्छा लगता है माँ का सिर पर हाथ फैरना।।
जीवन मे मेरे खुशियों के रंग
माँ तूही भरती है।
चोट लगी हो या पापा ने डाँटा हो
तू मेरे खातिर चुप-चुप के रोया करती है।।
खुदा अगर कहे
माँ छोडकर स्वर्ग में आइये ।
मैं कह दूँगा
मुझे स्वर्ग नही माँ चाहिए ।।
मिट जाएंगे स्वर्ग के सारे सुख
आज या कल में।
स्वर्ग में कहाँ है वो सुख
जो है माँ के आंचल में।।
माँ जैसा सुख ना ब्रह्मांड में पहले था
ना अब कहीं है।
माँ की कीमत उनसे पूछो
जिनके नसीब में माँ नही है।।
याद है माँ वो वाकिया
जब हमारी बस का एक्सीडेंट हुआ था।
उस दिन तेरी बात ने दिल छुआ था।।
तू लहू लुहान थी
ओर मैं था सुख से लेटा।
तू लड़खड़ाती आई मेरे पास ओर बोली
तुझे चोट तो नही आई बेटा।।
पता है माँ तेरे जीवन मे बहुत सारे गम हैं ।
ओर तेरे अधिकांश ग़मों की वजह हम हैं।।
दिल नाम की चीज खो बैठा है ये संसार ।
तभी तो समझता है माँ-बाप को भार।।
क्या चाहिए उस माँ को
क्या कभी किसी ने पूछा है।
मेरे यारो कदर करो इस माँ की
इसका कद तो खुदा से भी ऊंचा है।।
करलो माँ की सेवा
करलो माँ से प्यार।
सो लो थोड़ा माँ के साये
जिससे पहले की माँ तुमसे दूर चली जाए।।
Written by-Ravi jangid
9694943129
Bahut hi Sandra h
ReplyDeleteNikita